माँ की ममता
माँ की ममता
दोस्तों आज की यह पोस्ट माँ की ममता के बारे में है अगर इस दुनिया में सबसे बड़ा कोई शब्द है तो वो शब्द माँ है| माँ के बारे में यहाँ तक कहाँ गया है की माँ के क़दमों के निचे जन्नत है| अगर आपकी माँ आपसे नाराज है तो आपके के पास सब कुछ होते हुवे भी कुछ नहीं है| अगर पूरा संसार आपसे नाराज है और आपकी माँ आपसे राजी है तो कोई बात नहीं| लेकिन अगर माँ आपसे से नाराज है और पूरा संसार आपसे राजी है तो सब बेकार है| दोस्तों अगर हमें थोड़ी सी चोट लग जाएं तो सबसे से ज्यादा दर्द अगर किसी को होता है तो वो आपकी माँ है| एक दोस्त ने दुसरे दोस्त से कहा की मेरे पास बंगला है,गाड़ी है, और खूब सारा पैसा है| बता तेरे पास क्या है| वो कहता है की मेरे पास ने गाडी है,ने बंगला है, और ने पैसा है| मेरे पास तो सिर्फ और सिर्फ मेरी माँ है| जो तेरे पास नहीं है| यह सुनते ही उसकी बोलती बंद हो गयी| अगर इन दोनों दोस्तों की दौलत को तो तौले वजन किसमे ज्यादा होगा| इसका उतर आपको कमेंट बॉक्स में देना है | माँ वो है जो हमें जीना सिखाती है| दुनिया में वो पहला इन्सान जिसे हम मात्र स्पर्श से जान जाते है वो होती है माँ| माँ के लिए तो उसकी पूरी दुनिया उसके बच्चे ही होते है| गिर कर जो उठाना सिखाये ऐसी होती है माँ|रात को जो देर तक पढाई करने पर जो हमारे साथ जागे वो होती है माँ|
दोस्तों अगर माँ की ममता और त्याग के बारे में और अधिक जानना है तो नीचें दी हुयी कहानी को पढ़ें माँ की ममता और त्याग के बारे में पढ़कर आपके आँखों में आंसू आ जाएंगे| तो आईये कहानी को शुरू करते है|
एक बच्चा था| उसकी माँ एक आँख से कानी थी| जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता गया, उसे अपनी माँ की इस शक्ल-सुरत पर थोड़ी शर्मिंदगी सी महसूस होने लगी| उसके स्कूल के बच्चें उसकी माँ को लेकर उसका मजाक बनाते थे| बच्चा अपनी माँ के साथ कहीं भी सार्वजनिक तौर पर जाने से बचने लगा| एक बार उसकी माँ किसी काम से उसके कॉलेज के पास गयी तो वहां इस लड़के ने उसे देख लिया| घर आकर उसने अपनी माँ को बहुत डांटा| गुस्से में आपा खो चुका लड़का माँ से बोला- कितनी बार कहा है, जहाँ में होता हूँ, वहां आसपास मत आयो करो| तुम्हारी वजह से मुझे सुनना पड़ता है| तुम्हारी इस एक आँख की वजह से लोग मुझे ताने मारते है| अब माँ से रहा ने गया| उसकी आँख से आंसू गिरने लगे| वह बोली- बेटा मेरी हमेशा से दो आँखें थी और मुझें उन दोनों से दिखता था| बचपन में एक दुर्घटना में तुम्हारी एक आँख क्षतिग्रस्त हो गयी थी| तब मेनें तुम्हें अपनी एक आँख यह सोचकर दी थी, कि में तो दुनिया देख चुकी हूँ, और यह तुम्हें दे देती हूँ, नहीं तो कल को लोग तुम्हें एक आँख वाला कहकर चिढ़ाएंगे| यह कहकर माँ अन्दर चली गई| यह सुनते ही लड़के की आंखों से आंसूओं की धारा बहने लगी| उसका गमंड चूर चूर हो गया| वो लड़का अन्दर गया तो क्या देखता है की उसकी माँ एक कोने में बैठकर यह दुआ कर रही थी की मेरे बेटे को माफ करना| उसे नहीं पता की वो क्या बोल रहा है| यह सुनकर लड़का अपनी माँ से माफ़ी मांगता है की माँ मुझे माफ़ कर दे| इतना कहते ही माँ ने बेटे को गले लगा लिया| और दोनों की आँखों से आंसू ऐसे बह रहे थे जैसे की वर्षा हो रही है| दोस्तों एक प्रश्न यहां पे फिर उठ रहा है की इस संसार में आपको सबसे पहले माफ़ करने वाली कौन है?
माँ कहने को तो शब्द बहुत छोटा है पर इस शब्द की गहराई को कोई नापनहीं सकता है| हम दुनिया के लिए बेसक कुछ भी नहीं है पर हर इन्सान अपनी
माँ के लिए सब कुछ होता है एक औरत अपनी जिन्दगी अपने बच्चे अपने परिवार
के लिए समर्पित कर दे और बदले में प्यार के सिवा कुछ ना मांगे वो सिर्फ एक माँ
हो सकती है एक माँ का दिल ही इतना बड़ा हो सकता है
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरो पर खड़ा हुआ|
तेरी ममता की छाव मे,
जाने कब बड़ा हुआ|
कला टिका दूध मलाई,
आज भी सब कुछ वेसा है|
में ही में हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधा साधा भोला भला,
में ही सबसे अच्छा हूँ|
कितना भी हो जाऊ बड़ा,
माँ! आज भी में तेरा बच्चा हूँ|
सब का गम में कागज पे लिखता हूँ आज सोचा की माँ
तेरी दास्ताँ भी बयान कर दूँ वैसे तो मेरी हर साँस तेरी रहमत की
मोहताज है मगर में आज सबके सामने अपनी जिन्दगी तेरे नाम कर दूँ
मैंने अपनी आँखों के सामने जब-जब तुझे बिलकता देखा है माँ तब-तब
अपने दिल को धडकने से रोका है मुझे तो याद नहीं वो मंज़र बचपन का
लेकिन लोगो से में तेरी दांस्ता सुनता आया हूँ तुझे तकलीफों के बदले लाख
खुशियां दू में| माँ में ऐसे लाखो सपने आजतक बुनता आया हूँ मै सुना है तू
अपने एक बेटे को खो कर टूट सी गयी थी| तब कितनी मन्नतो के बाद रब ने
मुझे भेजकर तेरी गोद फिर से भरी थी| खुशी से तू फूलसिमटी नहीं थी कहते है
बार-बार मेरा माथा चूमती थी| सुना है उस वक्त तूने मेरे लिए खाना पीना छोड़
दिया था| मुझे तूने सिने से लगा कर जहाँन से मुह मोड़ लिया था| टूटी हुए छतो
पर से जब रातो को पानी टपक था| तब सुना है माँ जब तेरी ममता का अमृत मुझ पर
बरसता था| तू पानी वाली जगह पर खुद लेट जाती थी कही मुझे कुछ ना हो जाये
इस बात से तू दर ती थी| हमेशा तूने सबसे ज्यादा मुझको चाह है| हमेशा सब ने
मुझसे यही कहा है| मेरे दुःख के वक्त बस एक तू ही थी जिसने मुझे समजा था
मै क्या चाहता हूँ यह तूने बिना कहे जाना था| सारा-सारा दिन मेरी सलमती के लिए
रब से दुआए मांगती रहती थी| मुझे उठा ले लेकिन मेरे बेटे को ठीक कर दे तू
बार-बार रब से यह कहती थी| तेरे इतने अहसानों के बदले में आज तक तुझे क्या
दे पाया हूँ तेरी जिन्दगी का गम मै रदी भर भी कम नहीं कर पाया हु| उम्मीद है
की आगे कुछ मै एसा कुछ करके दिख लूँगा मै अपनी माँ की सारी खुशियों
को पूरा कर जाऊंगा| बस एक खुईश पूरी हो मेरा रब मेहरबान हो मुझ पर जब
मै दुनिया से जाऊ तो मेरा भी नाम बेटो के लायक हो
कब पैरो पर खड़ा हुआ|
तेरी ममता की छाव मे,
जाने कब बड़ा हुआ|
आज भी सब कुछ वेसा है|
में ही में हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है?
में ही सबसे अच्छा हूँ|
कितना भी हो जाऊ बड़ा,
माँ! आज भी में तेरा बच्चा हूँ|
मोहताज है मगर में आज सबके सामने अपनी जिन्दगी तेरे नाम कर दूँ
मैंने अपनी आँखों के सामने जब-जब तुझे बिलकता देखा है माँ तब-तब
लेकिन लोगो से में तेरी दांस्ता सुनता आया हूँ तुझे तकलीफों के बदले लाख
खुशियां दू में| माँ में ऐसे लाखो सपने आजतक बुनता आया हूँ मै सुना है तू
अपने एक बेटे को खो कर टूट सी गयी थी| तब कितनी मन्नतो के बाद रब ने
बार-बार मेरा माथा चूमती थी| सुना है उस वक्त तूने मेरे लिए खाना पीना छोड़
दिया था| मुझे तूने सिने से लगा कर जहाँन से मुह मोड़ लिया था| टूटी हुए छतो
पर से जब रातो को पानी टपक था| तब सुना है माँ जब तेरी ममता का अमृत मुझ पर
इस बात से तू दर ती थी| हमेशा तूने सबसे ज्यादा मुझको चाह है| हमेशा सब ने
मुझसे यही कहा है| मेरे दुःख के वक्त बस एक तू ही थी जिसने मुझे समजा था
मै क्या चाहता हूँ यह तूने बिना कहे जाना था| सारा-सारा दिन मेरी सलमती के लिए
बार-बार रब से यह कहती थी| तेरे इतने अहसानों के बदले में आज तक तुझे क्या
दे पाया हूँ तेरी जिन्दगी का गम मै रदी भर भी कम नहीं कर पाया हु| उम्मीद है
की आगे कुछ मै एसा कुछ करके दिख लूँगा मै अपनी माँ की सारी खुशियों
मै दुनिया से जाऊ तो मेरा भी नाम बेटो के लायक हो
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